इजरायल ही चाह रहा युद्ध विराम तो हमास ने क्यों ठुकरा दिया? अब तक लगा रहा था गुहार

इजरायल ही चाह रहा युद्ध विराम तो हमास ने क्यों ठुकरा दिया? अब तक लगा रहा था गुहार

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Gaza ceasefire: गाजा में चल रही खूनी जंग के बीच हैरान कर देने वाली वाली रिपोर्ट सामने आई है। इजरायल ने हमास के सामने युद्धविराम का ऑफर रखा लेकिन, हमास ने इसे ठुकरा दिया। यह इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि हमास शुरुआत से गुहार लगा रहा था। इजरायल ने हमास के सामने प्रस्ताव रखा था कि वह 40 बंधकों की रिहाई के बदले सात दिन का युद्धविराम कर सकता है। पर हमास अब कुछ और चाहता है।

इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध लगातार भयंकर होता जा रहा है। गाजा में मचे कत्लेआम पर दुनियाभर के देश चिंतित हैं। अब रिपोर्ट है कि इजरायल ने गाजा में युद्धविराम की पेशकश की है लेकिन, इजरायल के इस ऑफर को हमास ने ठुकरा दिया है। हमास जो कभी गाजा में युद्धविराम की लगातार गुहार लगा रहा था उसने इजरायल की मांग को ठुकराकर नई चाल चली है। मिस्र के अधिकारियों का कहना है कि हमास ने 40 बंधकों की रिहाई के बदले एक सप्ताह का युद्धविराम मानने से साफ इनकार कर दिया है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र के अधिकारियों ने कहा है कि चर्चा के दौरान हमास के नेता इस्माइल हानियेह ने कहा कि जब तक गाजा में पूर्ण युद्धविराम नहीं हो जाता तब तक वे एक भी बंधक को रिहा नहीं करेंगे। यह भी चेतावनी दी कि इजरायल के साथ बिना इस सहमति के अब बातचीत भी नहीं होगी।

आतंकवादी संगठन की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानियेह ने काहिरा में खुफिया अधिकारियों से मुलाकात कर इजरायल की पेशकश पर चर्चा की। लेकिन कथित तौर पर कहा कि वह इजरायल की मांग पूरी करने के बजाय गाजा में पूर्ण युद्धविराम और अधिक मानवीय सहायता प्राप्त करने के लिए चर्चा पर आए हैं।

इस चर्चा में पहली बार फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद को शामिल किया गया है। हमास ने इजरायल के ऑफर के बदले पूर्ण युद्धविराम और 100 बंधकों के बदले सभी फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की भी मांग की है।

बताते चलें कि गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध इजरायली सेना आईडीएफ के लिए रोज नई सफलता लेकर आ रहा है। एक तरफ युद्ध में हमास को लगातार नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ इजरायल के गाजावासियों पर नरसंहार ने उसे कठघरे पर लाकर खड़ा कर दिया है। गाजा में अब तक कम से कम 20 हजार लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

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