यूक्रेन जंग में रूस की मदद के आरोपों पर भड़का चीन, दोस्त को हथियार देने की बात पर नाटो को लताड़ा

यूक्रेन जंग में रूस की मदद के आरोपों पर भड़का चीन, दोस्त को हथियार देने की बात पर नाटो को लताड़ा

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चीन ने गुरुवार को नाटो पर हमला करते हुए उस पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया है। नाटो ने चीन पर यूक्रेन में रूस के युद्ध का समर्थक कहा है। यह पहली बार है जब नाटो खुल कर बीजिंग पर जंग में शामिल होने का आरोप लगा रहा है। वाशिंगटन में नाटो की स्थापना के 75 साल पूरे के अवसर पर आयोजित शिखर सम्मेलन में बुधवार को नाटो ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि चीन अपनी प्रतिष्ठा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर हाल के इतिहास में यूरोप में सबसे बड़े युद्ध को बढ़ावा दे रहा है। नाटो ने आगे कहा, “अगर बीजिंग इसी रास्ते पर चलता रहा तो उसे नतीजे भुगतने पड़ेंगे।” 

इतना ही नहीं नाटो ने चीन पर यूक्रेन जंग के लिए रूस को भौतिक और राजनीतिक समर्थन देने का भी आरोप लगाया और इसे जल्द से जल्द रोक देने को कहा। इस दौरान नाटो ने कहा है कि चीन रूस को युद्ध के लिए हथियार, उपकरण और रूस के डिफेंस सेक्टर के लिए कच्चे उत्पादों की आपूर्ति कर रहा है। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “रूस के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में चीन के योगदान पर नाटो ने ठोस संदेश भेजा है।” 

चीन ने नाटो को लताड़ा

इन आरोपों पर चीन ने पश्चिमी देशों के इस ग्रुप को जमकर लताड़ा है। यूरोपीय संघ में चीन के मिशन के प्रवक्ता ने गुरुवार की सुबह एक बयान में कहा, “नाटो का बयान शीत युद्ध की मानसिकता और आक्रामकता से भरा हुआ था, जो पूरी तरह झूठ है। चीन ने आरोपों को खारिज करते हुए बयान की निंदा भी की है। बाद में बीजिंग में एक दैनिक समाचार ब्रीफिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने नाटो के इरादे गलत होने का आरोप लगाया। 

पहली बार खुलकर सामने आया नाटो

अमेरिका पिछले कई महीनों से चीन पर रूस को युद्ध में आपूर्ति करने का आरोप लगा रहा है। वहीं इसके यूरोपीय देश, जिनमें से ज्यादातर वाशिंगटन की तुलना में चीन पर आर्थिक रूप से कहीं ज्यादा निर्भर हैं, वह अब तक इस मुद्दे पर खुल कर बोलने से बच रहे थे। हालाँकि यह विज्ञप्ति का जारी कर नाटो खुल कर अमेरिका को आरोपों पर उसका साथ दे रहा है। मंगलवार को शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए स्टोलटेनबर्ग ने कहा था, “ईरान, उत्तर कोरिया और चीन के नेता रूस के क्रूर युद्ध का समर्थन करते हैं। वे सभी चाहते हैं कि नाटो खत्म हो जाए।”

चीन का दावा- युद्ध पर है न्यूट्रल

वहीं चीन का दावा है कि वह युद्ध पर एक न्यूट्रल रुख अपनाता है। उसने नाटो औऱ अमेरिका पर यह आरोप लगाया है कि वह रूस की चिंताओं को नजरअंदाज करके आक्रमण को भड़काने का काम कर रहा है। हालांकि यह स्पष्ट है कि पिछले कुछ दिनों में चीन और रूस की नजदीकियां बढ़ी हैं। जिनपिंग और राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों देशों की दोस्ती को बिना किसी सीमा वाली साझेदारी कहा है।

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