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Who is Muhammad Al Zaif: इजरायल और हमास के बीच युद्ध को आठ महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है और इस कत्लेआम में हजारों जान चली गईं। गाजा औऱ राफा शहर श्मशान बन चुके हैं लेकिन, न ही इजरायल के मंसूबे पूरे हो पाए हैं और न ही हमास ने इजरायली हुकूमत के आगे घुटने टेके हैं। हमास के पूर्ण खात्मे के लिए इजरायली सेना हमास पर लगातार हमला कर रही है। हाल ही में आईडीएफ ने गाजा के खान यूनिस शहर में एक घर को निशाना बनाया। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह घर किसी और का नहीं हमास के शैतान मुहम्मद अल-जैफ का था। इस हमले में दर्जनों लोग मारे गए लेकिन, जैफ बच निकला। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी वो 6 बार मौत को चकमा दे चुका है। इजरायल में 7 अक्तूबर को हुए नरसंहार के लिए इसे ही मास्टरमाइंड बताया जाता है। इजरायल में जैफ को लेकर कहा जाता है कि उसे नौ जिंदगियों का वरदान है।
शनिवार को इजरायली सेना ने योजना बनाकर गाजा के खान यूनिस शहर में हवाई हमला किया और एक घर को निशाना बनाया। आईडीएफ के कबूल किया कि उसका निशाना हमास का कुख्यात कमांडर मुहम्मद अल-ज़ैफ़ था। गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, विस्थापित लोगों के एक शिविर पर इजरायली हवाई हमले में दर्जनों लोग मारे गए लेकिन, मुहम्मद अल जैफ की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। उधर, समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इजरायली सेना का दावा है कि हमले वाले स्थान पर केवल हमास के आतंकवादी ही मौजूद थे और कोई नागरिक नहीं था।
सातवीं बार मौत को चकमा दिया
एक और इजरायली हवाई हमले में आईडीएफ ने खान यूनिस ब्रिगेड के कमांडर राफा सलामा को मारने का दावा किया गया। वह हमास के सैन्य कमांडर मुहम्मद अल-ज़ैफ़ का करीबी भी था। आईडीएफ का कहना है कि इजरायल पर 7 अक्तूबर 2023 को हुए हवाई हमले के सात मास्टरमाइंड में से एक वो भी था।
कौन है हमास का शैतान अल जैफ
मुहम्मद अल-ज़ैफ़ हमास की सबसे खूंखार अल-क़सम ब्रिगेड का प्रमुख है। कई दशकों से वह इज़रायल की वांटेड सूची में है। इज़रायल पर कई सैनिकों सहित नागरिकों की हत्या में उसकी सीधी भूमिका मानी जाती है। बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, उनका असली नाम मुहम्मद ज़ैब अल मसरी है। उनका जन्म 1965 में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। अल-ज़ैफ़ का परिवार काफी गरीब था और वह अपने पिता के साथ छोटा-मोटा काम करके अपना पेट पालता था। उसने बाद में एक पोल्ट्री फार्म खोला और ड्राइवरी का भी काम किया।
कॉमेडियन से हमास का शैतान
अल-ज़ैफ़ ने इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ गाज़ा से विज्ञान में डिग्री हासिल की। कॉलेज में उसने भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान का अध्ययन किया। इस दौरान वह विश्वविद्यालय की मनोरंजन समिति का अध्यक्ष भी रहा। इस दौरान उसने हास्य मंच नाटकों में भी अभिनय किया। अल-ज़ैफ़ विश्वविद्यालय में छात्र रहते हुए ही मुस्लिम ब्रदरहुड नामक समूह का हिस्सा भी रहा। 1987 में जब हमास का गठन हुआ तो अल-ज़ैफ़ उसमें शामिल हो गया। ठीक दो साल बाद, उसे इजरायली अधिकारियों ने गिरफ्तार किया। उसने 16 महीने इजरायली जेल में बिताए।
इजरायल में कई नरसंहार कराए
अल जैफ को हमास की सैन्य शाखा ‘अल-कसम ब्रिगेड’ के संस्थापकों में से एक माना जाता है। 2002 में, जब हमास का सैन्य कमांडर इजरायली हमले में मारा गया, तो अल-ज़ैफ़ अल-क़सम ब्रिगेड का प्रमुख बना दिया गया। 2015 में उसका नाम संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में डाल दिया गया था। यूरोपीय संघ ने 2023 में उनका नाम अपनी इसी तरह की ब्लैकलिस्ट में जोड़ा। अल-ज़ैफ़ पर 1996 के बस बम विस्फोटों की योजना बनाने का भी आरोप है जिसमें कई इज़राइली मारे गए थे। इसके अलावा 1990 के दशक के दौरान तीन इजरायली सैनिकों की गिरफ्तारी और हत्या में भी उनका नाम आया है। अल-ज़ैफ़ और गाज़ा में हमास के राजनीतिक प्रमुख याह्या सिनवार को 7 अक्टूबर के हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड माना जाता है।
नौ जिंदगियों का वरदान
इजरायल की नजर में अल जैफ एक रहस्यमयी शैतान बताया जाता है। उसके बारे में कहा जाता है कि उसे’नौ जिंदगियों का वरदान’ है। उसने हमास के लिए गाजा में सुरंगों का नेटवर्क बिछाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। कहा जाता है कि अल-ज़ैफ़ ने अपना अधिकांश जीवन सुरंगों में बिताया। उस पर सबसे बड़ा हमला 2002 में हुआ था। इजरायली हमले में अल-ज़ैफ़ तो बच गया लेकिन उसने हमले में अपनी एक आंख खो दी। इज़राइल का दावा है कि अल-ज़ैफ़ ने एक हाथ और एक पैर भी हमले में खो दिया था। 2014 में, इज़रायल ने गाजा पट्टी पर एक हमले में अल-ज़ैफ़ को फिर से मारने की कोशिश की, जिसमें उसकी पत्नी और दो बच्चे मारे गए।