आपको गिरफ्तारी की बड़ी जल्दी है? पूजा खेडकर मामले में जज ने पुलिस को क्यों लपेटा, कोर्ट में क्या-क्या दलील

आपको गिरफ्तारी की बड़ी जल्दी है? पूजा खेडकर मामले में जज ने पुलिस को क्यों लपेटा, कोर्ट में क्या-क्या दलील

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Trainee IAS officer Puja Khedkar: धोखाधड़ी और जालसाजी कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने की आरोपी ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर आज (बुधवार को) दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला अब गुरुवार को शाम 4 बजे अपना फैसला सुनाएंगे। इस बीच खेडकर ने आज आरोप लगाया कि उनके खिलाफ यह मामला पुणे कलेक्टर के आदेश पर दर्ज किया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ उन्होंने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।

खेडकर के वकील ने कहा, “मैंने (खेडकर) कलेक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी, इसीलिए मेरे खिलाफ यह सब किया जा रहा है। मैं मीडिया के पास नहीं गई थी।” उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सेवा नियमों के तहत उन्हें अपना बचाव करने का मौका दिया जाना चाहिए।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, खेडकर के वकील ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए कोर्ट को बताया कि उनके माता-पिता तलाकशुदा हैं। वह एक विकलांग महिला हैं लेकिन जिस सिस्टम को उनकी रक्षा करनी चाहिए, वही उसे फिर से विकलांग बना रहा है। उन्होंने कोर्ट रूम में सवालिया लहजे में कहा कि यूपीएससी उनके खिलाफ यह सब क्यों कर रहा है? क्योंकि वह एक महिला है?

इसके जवाब में दिल्ली पुलिस और यूपीएससी दोनों के वकीलों ने तर्क दिया कि इस मामले में आरोपी की हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि आरोपी खेडकर ने सिस्टम और समाज दोनों को धोखा दिया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने हाल ही में यूपीएससी द्वारा दायर एक शिकायत पर खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज की है।

पूजा खेडकर पर यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए धोखाधड़ी से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांग व्यक्तियों के आरक्षण का गलत तरीके से लाभ उठाने के आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने जब कोर्ट से पूजा खेडकर की गिरफ्तारी का आदेश देने की मांग की तो जज ने दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव से पूछा कि क्या आपने जांच पूरी कर ली है और खेडकर को गिरफ्तार करने की क्या जरूरत है?

इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि वह बार-बार अपना रुख बदल रही हैं, इसलिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। इस पर जज ने फिर लोक अभियोजक से पूछा कि क्या आपको सारे रिकॉर्ड मिल गए हैं? इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि अभी जांच शुरुआती अवस्था में है । इस पर जज दिल्ली पुलिस के वकील पर भड़क गए और कह डाला कि अभी आपकी जांच पूरी भी नहीं हुई, शुरुआती अवस्था में ही है तो आरोपी को गिरफ्तार करने की इतनी जल्दी क्यों मची है? इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि अगर उन्हें  अग्रिम जमानत मिल गई तो वह जांच में सहयोग नहीं करेंगी।

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