पिछले साल अक्टूबर से हमास और इजरायल की जंग जारी है। इस जंग को लेकर अब सीजफायर की कोशिश में अमेरिका के विदेश मंत्री ने बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की है और कहा है कि इजरायल ने संघर्ष विराम के समझौते पर मंजूरी दे दी है। हालांकि हमास ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि इस बातचीत का मकसद सिर्फ इजरायल को और वक्त देना है जिससे वह गाजा में नरसंहार जारी रख सके। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार देर रात घोषणा की थी कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा युद्धविराम समझौते के लिए एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और उन्होंने हमास से भी इसे स्वीकार करने की अपील की है।
इस बीच हमास ने गाजा युद्धविराम के लिए इजरायल की नई शर्तों का खुलासा किया है। हमास ने दुनिया से नेतन्याहू और इजरायल सरकार पर युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डालने अपील की है। इस समझौते को 31 मई को बाइडेन ने प्रस्तावित किया था और 11 जून को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने समर्थन दिया था। हमास ने तीन-चरणीय प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है जिसमें पहले चरण में तत्काल युद्धविराम, सीमावर्ती क्षेत्रों में इजरायली बलों की वापसी, विस्थापित लोगों की बिना शर्त उनके घरों में वापसी और बंदियों और कैदियों की रिहाई शामिल है। हालांकि हमास ने कहा है कि इस समझौते के बाद इजरायल गाजा में और नरसंहार कर रहा है। हमास ने कहा है कि इजरायली नेता ने बातचीत के लिए नई शर्तें भी पेश कीं। इजरायल ने कहा है कि वह राफा क्रॉसिंग से पीछे नहीं हटेगा।
हम केवल बाइडेन के प्रस्ताव के पर सहमत होंगे- हमास
हमास ने जोर देकर कहा है कि युद्ध विराम समझौते का लक्ष्य गाजा में युद्ध का स्थायी अंत होना चाहिए और इजरायली सेना की वापसी होनी चाहिए। हमास का कहना है कि अमेरिकी प्रस्ताव इजरायली सेना को नेटज़ारिम कॉरिडोर पर नियंत्रण देगा जो गाजा को उत्तर और दक्षिण से अलग करता है। हमास के प्रवक्ता ओसामा हमदान ने सोमवार को ब्लिंकन की टिप्पणियों के बाद अल जज़ीरा से कहा, “हम केवल बाइडेन के प्रस्ताव के पर सहमत होंगे जिस पर हम कुछ महीने पहले सहमत हुए थे। इजरायल बाइडेन के प्रस्ताव में शामिल मुद्दों से पीछे हट हट गया है। नेतन्याहू के इस प्रस्ताव पर सहमत होने की बात से संकेत मिलता है कि अमेरिकी प्रशासन उन्हें पिछले समझौते को स्वीकार करने के लिए मनाने में विफल रहा है।”
ब्लिंकन ने बताया युद्धविराम का आखिरी मौका
इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल की यात्रा के दौरान चल रही बातचीत को इजरायली बंदियों की रिहाई और युद्धविराम के लिए का शायद आखिरी मौका बताया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद सोमवार को तेल अवीव में बोलते हुए ब्लिंकन ने कहा है कि नेतन्याहू अमेरिका द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं। ब्लिंकन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “आज प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ बैठक में उन्होंने मुझे पुष्टि की कि इजरायल पुल प्रस्ताव को स्वीकार करता है और वह इसका समर्थन करता है। अब हमास को भी ऐसा ही करना चाहिए।” ब्लिंकन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि पिछले सौदों को अस्वीकार करने के बाद नेतन्याहू ने जिस प्रस्ताव पर सहमति जताई थी उसमें कौन से बदलाव किए गए हैं।
10 महीने में अमेरीकी विेदेश मंत्री की नौवीं यात्रा
सोमवार को इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग के साथ बैठक से पहले ब्लिंकन ने समझौते की तात्कालिकता पर जोर दिया जो क्षेत्रीय तनाव को शांत करने में मदद कर सकता है। अक्टूबर में गाजा पर इजरायल के युद्ध की शुरुआत के बाद से इस क्षेत्र की उनकी नौवीं यात्रा पर उन्होंने कहा, “यह एक निर्णायक क्षण है। शायद बंधकों को घर वापस लाने, युद्धविराम करवाने और सभी को स्थायी शांति और सुरक्षा के बेहतर रास्ते पर लाने का सबसे अच्छा, शायद आखिरी अवसर।” ब्लिंकन ने कहा, “मैं राष्ट्रपति बाइडेन के निर्देशों पर इस समझौते को अंतिम रूप देने और कूटनीतिक प्रयास के हिस्से के रूप में यहां हूं… अब समय आ गया है कि सभी ‘हां’ कहें और ‘नहीं’ कहने के लिए कोई बहाना न खोजें।” उन्होंने कहा, “अब इसे पूरा करने का समय आ गया है। यह सुनिश्चित करने का भी समय आ गया है कि कोई भी ऐसा कदम न उठाए जिससे यह प्रक्रिया पटरी से उतर जाए।”
अब तक 40,000 से ज्यादा मौतें
अमेरिका, मिस्र और कतर इजरायल और हमास के बीच कई अप्रत्यक्ष वार्ताओं में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। शुक्रवार को कतर में बातचीत का अंतिम दौर बिना किसी समाधान के समाप्त हो गया। इस सप्ताह मिस्र के काहिरा में फिर से वार्ता शुरू होने की उम्मीद है। हमास इस बात पर जोर दे रहा है कि युद्ध विराम से युद्ध हमेशा के लिए समाप्त हो जाए, जबकि इजरायल ने कहा है कि किसी भी समझौते से उसे युद्ध जारी रखने से नहीं रोका जाना चाहिए। इस बीच गाजा में इजरायल के हमले जारी हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इजरायल की बमबारी से मरने वालों की संख्या अब 40,000 से अधिक हो गई है।