आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे, जाकिर नाईक पर क्या हुई बात; भारत-मलेशिया में 8 समझौते

आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे, जाकिर नाईक पर क्या हुई बात; भारत-मलेशिया में 8 समझौते


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों पर गहन बातचीत हुई। भारत और मलेशिया ने मंगलवार को फैसला किया कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाएंगे। दोनों देशों ने कम से कम आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक मलेशिया में भारतीय श्रमिकों की भर्ती को बढ़ावा देने तथा उनके हितों की सुरक्षा से संबंधित समझौता है। वार्ता का मुख्य उद्देश्य संबंधों को फिर से गति प्रदान करना था। भारत और मलेशिया के प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात की लेकिन जाकिर नाईक का मुद्दा बैठक में नहीं उठा। नाईक पर धनशोधन और कट्टरता फैलाने के आरोप हैं।

इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक के खिलाफ धनशोधन और कट्टरता फैलाने के आरोप हैं तथा एनआईए उसके खिलाफ जांच कर रही है। वह 2016 में मलेशिया चला गया और वापस नहीं लौटा। भारत उसे लगातार सौंपे जाने की मांग कर रहा है। मलेशिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि भी है। मलेशिया के प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि भारत सरकार जोरदार तरीके से इस मामले को उठाएगी। लेकिन संयुक्त बयान में भी यह मुद्दा शामिल नहीं है।

जाकिर नाईक का मुद्दा आज नहीं उठा

विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया पर एक अन्य कार्यक्रम में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि यह मुद्दा आज की बैठक में नहीं उठा। जानकार मान रहे हैं कि भारत का फोकस मलेशिया से संबंधों को मजबूती पर है। दरअसल, महातिर जब मलेशिया के प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और सीएए को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां की थी जिसके बाद संबंधों में तल्खी आई थी। भारत ने पाम आयल के आयात पर भी रोक लगा दी थी। अब महातिर सरकार बदल चुकी है और दोनों तरफ से संबंधों में मजबूती की कोशिश हो रही है। जाकिर नाईक के मुद्दे पर कौंसलर स्तर पर बातचीत चल रही है।

भारतीयों की भर्ती को बढ़ावा

इब्राहिम तीन दिवसीय भारत दौरे के तहत सोमवार रात दिल्ली पहुंचे। यह बतौर प्रधानमंत्री उनका पहला भारत दौरा है। प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया के लिए जारी बयान में कहा, ‘‘हमने भारत-मलेशिया साझेदारी को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कामगारों के रोजगार पर समझौते से भारतीयों की भर्ती को बढ़ावा मिलेगा तथा उनके हितों की सुरक्षा भी होगी।

भारत-मलेशिया आर्थिक संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार रुपये और मलेशियाई मुद्रा रिंगित में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि आर्थिक सहयोग में अब भी काफी संभावनाएं हैं। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश का विस्तार किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें सेमीकंडक्टर, फिनटेक, रक्षा उद्योग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम जैसे नए तकनीकी क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए। हमने भारत और मलेशिया के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते की समीक्षा में तेजी लाने पर जोर दिया है।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई को मलेशिया के पेनेट से जोड़ने के लिए काम किया जाएगा। मोदी ने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने को लेकर दोनों देशों का दृष्टिकोण समान है।

मोदी और इब्राहिम मिलकर बोले- आतंकवाद को पनाह नहीं देंगे

एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश को आतंकवादियों को पनाह नहीं देनी चाहिए तथा आतंकवाद के दोषियों को शीघ्र न्याय के कठघरे में लाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। मोदी ने मलेशिया को दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन ‘आसियान’ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण साझेदार बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और आसियान के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा समय पर पूरी होनी चाहिए।’’

दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में स्थिति की तरफ इशारा करते हुए मोदी ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, जहाजों और विमानों की मुक्त आवाजाही के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करते हैं।” दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीनी सेना की भड़काऊ कार्रवाई लगातार बढ़ रही है।

भारत का गौरवशाली इतिहासः इब्राहिम

भारत और मलेशिया ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग की नयी संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों देशों ने डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए डिजिटल परिषद स्थापित करने और एक स्टार्ट-अप गठबंधन बनाने का भी निर्णय लिया। इब्राहिम ने अपने बयान में कहा कि सभी संवेदनशील या उसी तरह के अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई, जिससे दोनों देशों के बीच दोस्ती के सही मायने प्रतिबिंबित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक महान राष्ट्र है जिसका गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और सभ्यता है। यह कई मायनों में बहु-संस्कृति और बहु-धर्म वाला देश है।’’ इब्राहिम ने कहा, ‘‘इसलिए, व्यापार और निवेश से परे हमारे बीच बहुत सी समानताएं हैं।’’

मोदी-इब्राहिम के बीच वार्ता में मलेशिया के टुंकू अब्दुल रहमान विश्वविद्यालय में आयुर्वेद पीठ स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा मलय विश्वविद्यालय में तिरुवल्लुवर पीठ स्थापित करने का भी फैसला किया गया।