पिछले साल मारे गए खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर का सहयोगी भी एक जानलेवा हमले में बाल-बाल बचा है। निज्जर का बेहद करीबी सतिंदर पाल सिंह राजू अमेरिका में जिस कार से जा रहा था उस पर कई बार गोलीबारी की गई। हालांकि वह बच निकला। राजू हाल ही में कैलगरी में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के मुख्य आयोजकों में से एक था। उसे इसी महीने 11 अगस्त को मारने की कोशिश की गई। उसका पिक-अप ट्रक कैलिफोर्निया में एक नेशनल हाईवे से गुजर रहा था तभी उस पर ताबड़तोड़ गोलीबारी हुई।
शूटरों ने गोलियों की बौछार कर दी
इससे एक दिन पहले गुरुद्वारे के पूर्व अध्यक्ष के आवास पर भी ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोलीबारी की गई। बता दें कि मरने से पहले निज्जर भी इसी गुरुद्वारे का अध्यक्ष था। राजू की बात करें तो वह अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़ा है। एसएफजे के महाधिवक्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने राजू को निज्जर का “करीबी सहयोगी” और खालिस्तान जनमत संग्रह का “सक्रिय आयोजक” बताया है। पन्नू ने कहा कि राजू “एक घातक हमले में बच गया। वह जिस ट्रक में ट्रैवल कर रहा था, उस पर शूटरों ने गोलियों की बौछार कर दी थी।”
राजू तथाकथित जनमत संग्रह कराने करने करता है मदद
जब राजू का ट्रक योलो काउंटी के वुडलैंड में था, तब उस पर ‘4-5 राउंड गोलियां’ चलाई गई थीं। हमारे सहयोगी ने कैलिफोर्निया हाईवे पेट्रोल द्वारा दर्ज की गई इस घटना की रिपोर्ट देखी है। पन्नू के मुताबिक, पिछले साल 18 जून को कनाडा के सरे में निज्जर की हत्या के बाद, राजू ने अक्टूबर तक उस शहर में डेरा डाला था और 2023 में वहां आयोजित जनमत संग्रह के साथ-साथ इस साल 28 जुलाई को कैलगरी, अल्बर्टा में आयोजित जनमत संग्रह को कराने करने में मदद की थी। पन्नू ने भारत सरकार पर राजू को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि भारत “वैश्विक खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान को हिंसक रूप से दबा रहा है।” फिलहाल अमेरिकी पुलिस द्वारा घटना के संबंध में किसी भी गिरफ्तारी की घोषणा नहीं की गई है और न ही किसी मकसद का पता लगाया गया है।
रघबीर निज्जर के घर पर कई बार गोलीबारी
इस बीच, 10 अगस्त को सरे में गुरु नानक सिख मंदिर के पूर्व अध्यक्ष रघबीर निज्जर के घर पर कई बार गोलीबारी की गई। हालांकि पुलिस ने घर के मालिक की पहचान नहीं बताई है, लेकिन 13 अगस्त को एक विज्ञप्ति में रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की सरे टुकड़ी ने कहा कि यह घटना सुबह करीब 3.10 बजे हुई। विज्ञप्ति में कहा गया, “घटनास्थल पर गोलीबारी से जुड़े सबूत मिले हैं, साथ ही आगजनी के प्रयास के सबूत भी मिले हैं।” इसमें यह भी कहा गया कि “यह माना जाता है कि यह घटना जबरन वसूली कांड से जुड़ी हो सकती है।” बताया जा रहा है कि कनाडा में पिछले एक साल में इंडो-कैनेडियन व्यवसायों और व्यक्तियों को निशाना बनाकर ऐसी कई गोलीबारियां की गई हैं। घटना से परिचित एक व्यक्ति ने बताया कि रघबीर निज्जर उसी गांव से है, जहां हरदीप निज्जर रहता है और माना जाता है कि वे दोनों रिश्तेदार हैं। उस व्यक्ति ने बताया कि वह फिर से गुरुद्वारे का अध्यक्ष बनने का प्रयास कर रहा है।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘संभावित’ संलिप्तता का आरोप लगाए जाने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव व्याप्त है। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए खारिज कर दिया था। भारत लगातार कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों कोई लगाम नहीं लगा रहा है। इस साल कनाडाई पुलिस ने निज्जर की हत्या के सिलसिले में चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, उन्होंने अभी तक भारतीय कनेक्शन के सबूत नहीं दिए हैं। फिलहाल इस पहलू की जांच जारी है।