छोटी बचत योजनाओं में निवेश करत हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर के मुताबिक 6 नए नियम जारी किए गए हैं। ये नियम राष्ट्रीय बचत योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि यानी पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि अकाउंट से जुड़े निवेशकों के लिए हैं। आइए सुकन्या समृद्धि अकाउंट के नए नियम के बारे में जान लेते हैं।
सुकन्या समृद्धि अकाउंट (SSA)
- दादा-दादी (जो कानूनी अभिभावक के अलावा अन्य हैं) की संरक्षकता के तहत खोले गए अकाउंट्स के मामले में, संरक्षकता लागू कानून के तहत हकदार व्यक्ति, यानी प्राकृतिक अभिभावक (जीवित माता-पिता) या कानूनी अभिभावक को ट्रांसफर की जाएगी।
- सुकन्या समृद्धि खाता योजना, 2019 के पैरा 3 का उल्लंघन करते हुए एक परिवार में दो से अधिक खाते खोले जाते हैं, तो अनियमित खातों को योजना दिशानिर्देशों के उल्लंघन में खोला गया खाता मानकर बंद कर दिया जाएगा।
योजना के बारे में
बता दें कि बेटियों के लिए शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है। इस ब्याज दर वाली योजना धारा 80सी के अंतर्गत टैक्स से पूर्णतः मुक्त है। इस योजना के तहत एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये का निवेश किया जा सकता है। वहीं, अधिकतम 1,50,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है। यदि किसी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा नहीं किए जाते हैं तो 50 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
कब तक कर सकेंगे निवेश
बता दें कि खाते में जमा राशि खाता खोलने की तिथि से 14 वर्ष की अवधि तक की जा सकती है। खाता खोलने की तिथि से 21 वर्ष पूरे होने पर खाता मैच्योर हो जाएगा, बशर्ते कि यदि खाताधारक का विवाह 21 वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले हो जाता है, तो खाते का परिचालन उसकी शादी की तिथि के बाद करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उच्च शिक्षा और विवाह के उद्देश्य से खाताधारक की जरूरतों को पूरा करने के लिए आंशिक निकासी सुविधा मिलती है।