[ad_1]
खुद को नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताकर साइबर ठग ने गोपालगंज थाना क्षेत्र के तिली वार्ड निवासी निजी कंपनी के प्रोग्रामर को डिजिटल अरेस्ट करके 22 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित के पास नकद नहीं थे तो उसने लोन लेकर ठग के बताए बैंक खाते में रुपये डलवा दिए।
ठगी होने के बाद थाने में शिकायत
खुद के साथ ठगी होने की जानकारी लगने के बाद पीड़ित ने गोपालगंज थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने अपराध कायम कर विवेचना शुरू कर दी है। हालांकि यह पूरा मामला शेयर बाजार से जुड़ा बताया जा रहा है। 24 वर्षीय सार्थक परांजपे ने पुलिस को बताया कि वह इंफोसिस में स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर है।
19 अगस्त को दोपहर करीब ढाई बजे उसके मोबाइल नंबर पर फोन आया। कॉल करने वाले ने बताया कि हम फेडएक्स से बोल रहे हैं। आपके मोबाइल नंबर व आधार से एक कोरियर किया गया है, जिसमें नियम विरुद्ध अवैध सामग्री पाए जाने पर उसे जब्त कर लिया गया है और FIR दर्ज कर ली गई है। आरोपी ने युवक को FIR नंबर भी बताया।
नारकोटिक्स में FIR का खौफ, डर गया खौफ
आरोपी ने बताया कि यह FIR नारकोटिक्स डिपार्टमेंट मुंबई में की गई है। मामला कायम होने की बात सुनकर सार्थक डर गया। उसने स्वयं को निर्दोष बताया। इसके बाद आरोनी ने सार्थक को स्काइप एप पर नकली साइबर क्राइम विभाग के अधिकारी से संपर्क कराया और वहां से बताया गया कि उसका आधार कार्ड मनी लांड्रिंग में फंस गया है।
युवक को स्काइप एप पर उपस्थित व्यक्ति ने नकली पुलिस आईडी दिखाकर कहा कि इसमें तुम्हारी आईडी लगी है, इसी से ऑर्डर किया गया है। साइबर ठगों ने सार्थक को वीडियो चालू रखने एवं माइक चालू रखने को कहा और अपनी नकली पुलिस आईडी दिखाई।
उन्होंने कहा कि इस आरोप से बचना है तो बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लेकर बारी-बारी से अलग-अलग खाते में भेजो। सार्थक डर गया था। उसने अपने ICICI बैंक के खाता पर पर्सनल लोन लिया और अपने बैंक खाते से दीपक केसरी नाम के व्यक्ति के बैंक खाते पर दो लाख रुपये और अल्फाटेक सिस्टम के खाता नंबर में 10 लाख रुपये, पांच लाख रुपये एवं दो-दो लाख रुपये अलग-अलग आइडी से ट्रांसफर किया।
इस तरह 22 लाख रुपये ट्रांसफर करने के बाद सार्थक को अपना IP ट्रैक होने का संदेह हुआ। इसके बाद उसने 1930 पर फोन लगाकर पैसे की ठगी को लेकर शिकायत दर्ज कराई। अपने बैंक में फोन लगाकर शिकायत की, तब बैंक वालों ने सार्थक का ICICI बैंक के खाता नंबर को फ्रिज कर दिया। गुरुवार देर रात पुलिस ने सार्थक से मिली शिकायत के बाद उस नंबर के खाता और फोन धारक पर बीएनएस की धारा 316 (2), 318 (4) के तहत मामला कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।
[ad_2]