मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी। इसमें असंठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए लागू किया गया था। इस योजना के सामान्य मृत्यु होने पर श्रमिक के परिवार को दो लाख रुपये और दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाश रुपय की राशि दी जाती है।
मध्य प्रदेश शासन द्वारा 2018 में शुरू की गई मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना फिलहाल पंजीयन तक सिमटकर रह गई है। प्रदेशभर में इस योजना के तहत पंजीयन तो एक करोड़ 71 लाख 25 हजार 668 हो चुके हैं, लेकिन 14 महीने से अनुग्रह राशि के अते-पते नहीं हैं।
शासन स्तर से जनहित को ध्यान में रखकर शुरू की गई यह योजना फिलहाल रुकी पड़ी है। इसके चलते हजारों हितग्राही मानसिक तौर पर परेशान हो रहे हैं।
धार जिले के राजगढ़ जैसे छोटे से नगर में 3800 लोगों का पंजीयन हुआ है और प्रक्रिया अब भी चल रही है। यहां 25 से अधिक ऐसे मामले हैं, जिनमें हितग्राहियों को अनुग्रह राशि नियमानुसार मिलनी थी, जो नहीं आई। राशि नहीं आने से यह योजना बेकार साबित हो रही है।
सीएम हेल्पलाइन तक पहुंचे मामले
योजना का नाम मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना जरूर है, लेकिन मुख्यमंत्री की योजना को लेकर ही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायतें हुई हैं। अब तक राजगढ़ से ही करीब 25 से अधिक शिकायतें की गई हैं। कुछ का खात्मा समझाइश के बाद हो गया, तो कुछ अब भी लंबित ही हैं।
यह है योजना
राज्य सरकार द्वारा राज्य के करोड़ों असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना प्रारंभ की गई थी। इसके तहत अंत्येष्टि सहायता के तौर पर पांच हजार, सामान्य मृत्यु सहायता के तहत दो लाख, दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रुपये, आंशिक दिव्यांगता होने पर एक लाख एवं स्थायी दिव्यांगता होने पर दो लाख की सहायता राशि प्रदान की जाती है।