आयकर विभाग डायरेक्ट टैक्स से जुड़े मामलों का निस्तारण करने के लिए सरकार विवाद से विश्वास योजना 2.0 ला रही है, जिसका नोटिफिकेशन वित्त मंत्रालय ने जारी कर दी है। एक अक्टूबर से इसके लिए आवेदन किया जा सकेगा। साथ ही तय शर्तों के हिसाब से योजना के लाभ उठाने वाले करदाताओं को अपने और विवाद को पूरा ब्योरा देना होगा।
मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक ऐसे मामलों को प्रमुखता से निपटाया जाएगा, जो विभाग में कई स्तर पर लंबित है। योजना का लाभ उठाने के लिए संबंधित व्यक्ति को एक प्रारूप भरना होगा, जिसमें पैन कार्ड, टैन नंबर, आधार संख्या, मोबाइल नंबर, नाम, ई-मेल और किस निर्धारित वर्ष का मामला है, उसका विवरण देना होगा। साथ ही, एक शपथ पत्र भी देना होगा कि वो योजना के तहत निस्तारित किए जा रहे मामले से सहमत हैं। शपथ पत्र में भी अपना पूरा ब्योरा देना अनिवार्य होगा।
आवेदनों के निस्तारण को लेकर भी अलग से टीमें गठित
आयकर विभाग ने योजना के तहत होने वाले आवेदनों के निस्तारण को लेकर भी अलग से टीमें गठित की है। खासकर क्षेत्रीय कार्यालय स्तर से योजना की समीक्षा होगी। अलग से अधिकारियों की तैनाती की जा रही है जो योजना से जुड़े मामलों को देखेंगे।
मौजूदा समय में 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक की डायरेक्ट टैकस डिमांड को लेकर अलग-अलग स्तर पर मामले लंबित हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में करदाता चाहते हैं कि कोई बीच का रास्ता निकालकर इनका समाधान हो जाए।
जीएसटी पर मंत्री समूह की बैठक 25 को
एजेंसी माल एवं सेवा कर (GST) की दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक 25 सितंबर को गोवा में होगी। बैठक में कर स्लैब और दरों में बदलाव पर चर्चा हो सकती है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) की पिछली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। उसने नौ सितंबर को जीएसटी परिषद को स्थिति रिपोर्ट सौंपी थी। जीओएम ने केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति को कुछ वस्तुओं पर कर दर परिवर्तन के प्रभाव का विश्लेषण करने और अधिक आंकड़े जुटाने का काम सौंपा था।