अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कई महीनों से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। दोनों को वापस लेने के लिए स्पेसएक्स का क्रू-9 भी रवाना हो चुका है, जिसकी मदद से अगले साल फरवरी में दोनों की वापसी धरती पर हो जाएगी। शुरुआत में सिर्फ हफ्तेभर के लिए दोनों एस्ट्रोनॉट्स को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर जाना था, लेकिन बाद में स्पेसक्राफ्ट में आए दिक्कत की वजह से वहां रुकने का समय बढ़ गया। इस दौरान इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर एक बड़ी दिक्कत आ गई। दरअसल, 2019 से स्पेस सेंटर के रशियन सेगमेंट में हवा लीक हो रही थी, जोकि बाद में बढ़ गई। सुनीता के स्पेस स्टेशन पर रहने की वजह से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं, लेकिन राहतभरी बात यह है कि हवा लीक होने की दिक्कत इतनी बड़ी नहीं है, जिससे दोनों एस्ट्रोनॉट्स को कोई बड़ी समस्या हो। जहां से एयर लीक हो रही है, उतनी स्पेस को बंद कर दिया गया है।
स्पेस स्टेशन पर हो रही इस लीकेज की वजह से वहां पर लगभग 1.7 किलोग्राम हवा का नुकसान रोजाना हो रहा है। नासा ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच में जुट गया है। ज्वेज्दा मॉड्यूल के PrK वेस्टिबुल में 2019 में पहली बार सामने आई इस समस्या की गहन जांच की गई है। नासा के महानिरीक्षक कार्यालय ने हाल ही में रिपोर्ट दी है कि अप्रैल 2024 तक रिसाव बढ़कर लगभग 1.7 किलोग्राम प्रतिदिन हो गया था। इस बढ़ोतरी की वजह से ISS कार्यक्रम ने इसे उच्च प्राथमिकता वाले जोखिम के रूप में बताया है। हालांकि, नासा की मरम्मत कोशिशों के बाद रिसाव दर को लगभग एक तिहाई कम कर दिया गया है।
क्या एयर लीक की वजह से स्पेस सेंटर पर एस्ट्रोनॉट्स को खतरा है?
भले ही स्पेस सेंटर पर हवा लीक हो रही हो, लेकिन इससे कोई तुरंत खतरा वहां रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए नहीं है। इस समय वहां सात मेंबर्स हैं, जोकि इस मामले पर कड़ी निगरानी कर रहे हैं। जिस इलाके में यह गैस लीक हो रही है, उसको क्रू बंद रखता है, जिसकी वजह से स्पेस स्टेशन पर उसका प्रभाव बहुत देखने को नहीं मिलता है। वहीं, मरम्मत करने की वजह से हवा के लीक होने की दर में भी अब लगभग एक तिहाई की कमी आ गई है। अंदर और बाहर से वेल्ड किया गया है और लीकेज की मूल वजह पता लगाने के लिए जांच जारी है।