रतन टाटा की ख्वाहिश, ‘मैं चाहूंगा…मुझे कुछ इस तरह याद रखे दुनिया’

रतन टाटा की ख्वाहिश, ‘मैं चाहूंगा…मुझे कुछ इस तरह याद रखे दुनिया’


इंडियन इंडस्ट्री के लीजेंड और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। हर कोई उनकी विजनरी लीडरशिप का कायल है। रतन टाटा की जिंदगी और उनकी कहीं बातें बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। रतन टाटा की ख्वाहिशों में से एक यह थी, ‘मेरी चाहत है कि मुझे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाए, जिसने कभी दूसरों को आहत नहीं किया और हमेशा बिजनेस के सर्वोत्तम हित में काम किया है।’ रतन टाटा ने यह बात साल 2014 में कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के लेडीज स्टडी ग्रुप की तरफ से आयोजित एक इंटरैक्शन में कही थी।

‘मुझे ऐसे शख्स के रूप में याद किया जाए, जो बदलाव लाया’
रतन टाटा ने फरवरी 2018 में सीएनबीसी पर सुहेल सेठ के साथ एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं चाहूंगा कि मुझे एक ऐसे शख्स के रूप में याद किया जाए, जो बदलाव लाया। ना इससे कुछ ज्यादा, ना कुछ कम।’ रतन टाटा ने मई 2021 में एक दूसरे इंटरव्यू में कहा, ‘… बतौर एक ऐसे शख्स के रूप में जो कुछ बदलाव लाने में सक्षम है, जो चीजों को देखने के हमारे तरीके में कुछ बदलाव के लिए जिम्मेदार हो सकता है।’

टाटा ग्रुप को ग्लोबल एंटरप्राइज में किया तब्दील
अपने शानदार करियर के दौरान रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को एक ग्लोबल एंटरप्राइज में ट्रांसफॉर्म किया। टाटा ग्रुप की मौजूदगी को स्टील और ऑटोमोबाइल से लेकर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हॉस्पिटैलिटी जैसी इंडस्ट्रीज तक डायवर्सिफाई किया। उनकी लीडरशिप में टाटा मोटर्स ने जगुआर एंड लैंड रोवर जैसे ब्रांड्स हासिल किए। साथ ही, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) दुनिया की दिग्गज आईटी सर्विसेज फर्मों में से एक के रूप में उभरी। वह अक्सर कहा करते थे कि उनका लक्ष्य सिर्फ बिजनेस खड़ा करना नहीं है, बल्कि कम्युनिटीज का निर्माण करना है। जो उनकी कंपनियों से प्रभावित हुए हैं, उनके जीवन में वैल्यू जोड़ना है। यह बात सीएनबीसी-टीवी 18 की एक रिपोर्ट में कही गई है।