मुख्यमंत्री बनते ही उमर अब्दुल्ला का पुलिस को ऑर्डर, जब भी मैं सड़क से कहीं जाऊं तो…

मुख्यमंत्री बनते ही उमर अब्दुल्ला का पुलिस को ऑर्डर, जब भी मैं सड़क से कहीं जाऊं तो…


जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने तुरंत बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस को निर्देश दिया है कि उनकी वजह से आम लोगों को होने वाली असुविधा को कम से कम किया जाए। साथ ही, जब भी वह किसी सड़क मार्ग से जाएं तो वहां कोई भी ग्रीन कॉरिडोर न बनाया जाए। अगस्त, 2019 को रद्द किए गए आर्टिकल-370 के बाद उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। साथ ही, पांच अन्य मंत्रियों को भी उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शपथ दिलाई।

सीएम बनने के बाद उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी से बात की है कि जब मैं सड़क मार्ग से कहीं जाऊं तो कोई ग्रीन कॉरिडोर या यातायात अवरोध न हो। मैंने उन्हें निर्देश दिया है कि लोगों को होने वाली असुविधा को कम-से-कम किया जाए और सायरन का इस्तेमाल कम-से-कम किया जाए। किसी भी तरह की लाठी लहराने या आक्रामक हरकतों से पूरी तरह बचना चाहिए। मैं अपने कैबिनेट सहयोगियों से भी यही उदाहरण अपनाने को कह रहा हूं। हर चीज में हमारा व्यवहार लोगों के अनुकूल होना चाहिए। हम लोगों की सेवा करने के लिए हैं, उन्हें असुविधा पहुंचाने के लिए नहीं।”

‘जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा’

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार का पहला काम लोगों की आवाज बनना होगा और उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर लंबे समय तक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा और जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल कर लेगा। शपथ लेने से कुछ घंटे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने पीटीआई वीडियोज से कहा कि गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ उनका सब कुछ ठीक है और उनकी पार्टी मंत्री पदों को भरने के लिए कांग्रेस और अपनी टीम के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार की लोगों के प्रति जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, “हमें लोगों से जनादेश मिला है कि हम उनकी समस्याओं को हल करने के लिए काम करें और यही हमारा लक्ष्य पहले दिन से है।” नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के बीच दरार की अटकलों पर उमर ने चुटकी लेते हुए कहा, “नहीं, सब कुछ ठीक क्यों नहीं है। अगर सब कुछ ठीक नहीं है, तो (मल्लिकार्जुन) खरगे (कांग्रेस अध्यक्ष), राहुल (गांधी) और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता यहां क्यों आ रहे हैं। यहां उनकी मौजूदगी इस बात का संकेत है कि गठबंधन मजबूत है और हम (जम्मू-कश्मीर के) लोगों के लिए काम करेंगे।”