ऑस्ट्रेलियाई संसद में किंग चार्ल्स के दौरे के समय कुछ ऐसा हुआ कि वहां लोग हैरान रह गए। वह ऑस्ट्रेलिया की संसद पहुंचे थे। तभी एक सांसद लिडिया थोर्प उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगीं। उनकी हरकत को देखकर बाकी लोग हैरान रह गए। किंग चार्ल्स के भाषण के बाद थोर्प ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, यह तुम्हारी जमीन नहीं है। हमारी जमीन वापस करो। दरअसल आजादी के 123 साल बीतने के बाद अभी ऑस्ट्रेलिया गणतंत्र नहीं बन पाया है
ऑस्ट्रेलिया के निर्दलीय सांसद ने राजशाही का विरोध करते हुए कहा, तुम हमारे राजा नहीं हो और ना ही ये जमीन तुम्हारी है। उनकी नारेबाजी की वजह से किंग चार्ल्स को अपना भाषण रोकना पड़ा। इसके बाद सुरक्षाकर्मी थोर्प को बाहर ले गए। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया लगभग एक शताब्दी तक ब्रिटेन का उपनिवेष था। 1901 में ऑस्ट्रेलिया में स्वतंत्र सरकार जरूर बन गई लेकिन ब्रिटिश राजवंश के साथ समझौते के तहत यहां के राजा किंग चार्ल्स ही हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया आज तक पूर्ण गणतंत्र नहीं बन पाया है।
फिलहाल चार्ल्स 9 दिन की आधिकारिक यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया में हैं। बीते साल कैंसर पीड़ित होने के बाद यहउनकी पहली विदेश यात्रा है। थोर्प ने कोई पहली बार राजशाही का विरोध नहीं किया है। 2022 में शपथग्रहण के बाद ही उन्होंने क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का विरोध किया था। उस वक्त वही ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्र प्रमुख थीं। उन्होंने क्वीन एलिजाबेथ के नाम से शपथ लेने से इनकार कर दिया था।
महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी कैनबरा पहुंचे। चार्ल्स (75) कैंसर का इलाज करवा रहे हैं, जिसके कारण उनकी यात्रा का कार्यक्रम छोटा कर दिया गया है। यह चार्ल्स की ऑस्ट्रेलिया की 17वीं यात्रा है और 2022 में ब्रिटेन का महाराजा बनने के बाद से उनकी पहली यात्रा है।
चार्ल्स और कैमिला ने अपने आगमन के अगले दिन आराम किया और रविवार को सिडनी में चर्च सेवा में अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज कराई। इसके बाद वे कैनबरा के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने अज्ञात ऑस्ट्रेलियाई सैनिक के स्मारक का दौरा किया। फिर उन्होंने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज द्वारा संसद भवन में आयोजित एक स्वागत समारोह में भाग लिया।
उन्होंने युद्ध स्मारक से निकलकर सैकड़ों लोगों का अभिवादन किया। स्वागत समारोह में सभी छह ऑस्ट्रेलियाई राज्यों के सरकारी नेताओं ने भाग नहीं लिया। उन्होंने इस आधार पर निमंत्रण अस्वीकार कर दिया कि वे ब्रिटिश सम्राट के बजाय एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को राज्य प्रमुख के रूप में पसंद करेंगे। अल्बानीज़ भी चाहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया एक गणतंत्र बने, लेकिन उन्होंने अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान इस बारे में जनमत संग्रह कराने से इनकार कर दिया है।