संजय टाइगर रिजर्व में 18 हाथियों की 24 घंटे निगरानी कर रहा दल … बास के हरे पत्ते पसंद आ रहे, महुआ की खुशबू अपनी ओर खींचती

संजय टाइगर रिजर्व में 18 हाथियों की 24 घंटे निगरानी कर रहा दल … बास के हरे पत्ते पसंद आ रहे, महुआ की खुशबू अपनी ओर खींचती


बांधवगढ़ में हाथियों की मौत के बाद मध्‍य प्रदेश के सीधी में संजय टाइगर रिजर्व में हाथियों के समूह पर पैनी नजर रखी जा रही है। इन दिनों रिजर्व क्षेत्र के दुबरी, मड़वास, वस्तुआ और शहडोल के व्यौहारी रेंज के जंगल में 18 हाथियों के समूह विचरण कर रहा है, जिसकी निगरानी के लिए चार स्पेशल टीम के साथ सात गस्त दल तैनात किया गया है।

यह दल हाथियों की बीस घंटे निगरानी में जुटा है। वहीं कृषि विभाग के वैज्ञानिक खेत में लगे कोदो फसल की जांच कर रही है।

150 किसान एक हजार एकड़ से अधिक एरिया में कोदो की खेती की

करीब सप्ताह भर से व्यौहारी, दुबरी और वस्तुआ में सहित आसपास के क्षेत्र को मिलाकर 150 किसान एक हजार एकड़ से अधिक एरिया में कोदो की खेती की गई है। टीम की निगरानी अमित दुबे सीसीएफ सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी कर रहे हैं।

रेलवे कर्मचारियों से व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर लोकेशन चिन्हित

रिजर्व दल द्वारा राजस्व विभाग को कोदो के खेतों के सर्वे के लिए पत्राचार किया है। जहां 11 हजार वोल्टेज के तार निश्चित उंचाई से कम दूरी पर है उन्हें उंचाई पर करने के लिए कार्यवाही की जा रही है। रेलवे लाइन पर ट्रेन गुजरने के दौरान कोई अनहोनी नहीं हो इसके लिए रेलवे कर्मचारियों से व्हाट्स एप ग्रुप बनाया है।

हाथियों के आने जाने का लोकेशन देते हैं

व्हाट्स एप पर लोकेशन चिन्हित किया गया है ताकि समय – समय पर ग्रामीणों को सूचना दिया जा सके। 25 से अधिक गांव ग्रामीणों का ग्रुप तैयार किया गया। जिसमें हाथियों के आने जाने का लोकेशन देते हैं। ‌

ऐसे कर रहे हैं निगरानी

हाथियों की निगरानी के लिए हाईटेक तरीके के लैस 4 स्पेशल टीम है। जिनके पास दूरबीन,अच्छी टॉर्च,सायरन सहित अन्य उपकरण होते हैं। टीम में एसडीओ, रेंज अधिकारी,बीट गार्ड सहित कुल 06 लोग शामिल होते हैं। खास बात तो यह है कि एक टीम चौबीस घंटे निगरानी में जुटी रहती है।

खेत और घर को बनाते हैं निशाना

बता दें कि संजय टाइगर रिजर्व में पिछले सात-आठ से छत्तीसगढ़ के जंगल से हाथियों का समूह ठंड के शुरूआत दिनों में आते है। यहां करीब आठ महीने रहने के दौरान कोर क्षेत्र से लगे दर्जन भर गांव में जाकर खेतों को चट कर जाते हैं तो वहीं घरों को भी निशाना बनाते हैं।

इसलिए पहुंचते हैं गांव

जानकारों का मानना है कि हाथियों के समूह को संजय टाइगर रिजर्व के जंगल में बास के हरे पत्ते पसंद आते हैं। पीने के लिए पर्याप्त पानी और विचरण करने के लिए घना जंगल है। आराम करने के लिए सूखी जमीन आसानी से मिल जाती है। इतना ही नहीं गांव में इन्हें महुआ की खुशबू अपनी ओर खींचती है। गन्ने के खेतों को भी यह अपना निशाना बनाते हैं।

हाथियों की निगरानी के लिए विशेष दल गठित किया गया है। कोदो खेत का सर्वे राजस्व विभाग कर रहा है। कृषि वैज्ञानिक पौधों के फंगस की जांच कर रहे हैं। अभी सभी हाथी जंगल में विचरण कर रहे हैं किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।

सुधीर मिश्रा एसडीओ संजय टाइगर रिजर्व सीधी