विकास खंड सोनहत एवं भरतपुर विंग के गाम कोटाडोल के बीच आने वाले ग्राम कटवार में शुक्रवार को मृत बाघ मिलने की सूचना पर वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंची है। लेकिन बाघ की मौत के कारणों का पता नहीं चल सका है। इस विषय में वन विभाग की टीम भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। जांच के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत भरतपुर-सोनहत वन परिक्षेत्र में बाघ का शव मिलने से वन विभाग में हडकंप मच गया है। नदी की ओर गए ग्रामीणों की नजर अचानक बाघ पर पड़ी तो पहले वे घबरा गए।
बाद में पता चला कि बाघ मरा हुआ है, इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। बाघ की मौत किन परिस्थितियों में और कैसे हुई है? इसका पता फिलहाल नहीं चल सका है।
गुरु घासीदास नेशनल पार्क में टाइगर रिजर्व फारेस्ट भी प्रस्तावित है। यहां आए दिन बाघों की आमदरफ्त होती रहती है। इसी बीच शुक्रवार की दोपहर उद्यान क्षेत्र के भरतपुर व सोनहत सीमा क्षेत्र से लगे देवशील कटवार के पास नदी के किनारे रेत में बाघ का शव मिलने से हडक़ंप मच गया है।
सूचना मिलते ही राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी-कर्मचारी विशेषज्ञों व डाक्टरों की टीम भी मौके पर पहुंची। शनिवार को बाघ का पीएम किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार 10 दिन पूर्व ही बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र में एक बाघ विचरण करते देखा गया था। उसने दो भैसों का शिकार किया था। एक भैंस का मांस भी वह खाते हुए वन विभाग के ट्रैप कैमरे में कैद हुआ था।