अब एक विद्यार्थी तीन वर्ष में तीन बार जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में शामिल हो सकेगा। अब तक जेईई-एडवांस्ड देने के अवसरों की संख्या अधिकतम दो प्रयास हुआ करती थी। इससे बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को आइआइटी में प्रवेश के लिए एक और प्रयास करने का अवसर मिलेगा।
देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड 2025 की वेबसाइट जारी कर दी गई। इस वर्ष यह परीक्षा आइआइटी कानपुर की ओर से करवाई जाएगी। जारी सूचना में सबसे बड़ा अपडेट ये है कि अब एक विद्यार्थी तीन वर्ष में तीन बार जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में शामिल हो सकेगा। अब तक जेईई-एडवांस्ड देने के अवसरों की संख्या अधिकतम दो प्रयास हुआ करती थी। इससे बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को आइआइटी में प्रवेश के लिए एक और प्रयास करने का अवसर मिलेगा।
हर छह वर्ष बाद रोटेशन में मिलती है जिम्मेदारी
करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि पिछले 14 वर्षों के आंकड़ों के आकलन के आधार पर हर छह वर्ष बाद रोटेशन में आइआइटी को परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी दी जाती है। वर्ष 2018 में इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी आइआइटी कानपुर को ही मिली थी। इसके बाद आइआइटी दिल्ली, बाम्बे, खड़गपुर, कानपुर, मद्रास, रूड़की व गुवाहाटी ने परीक्षा आयोजित करवाई थी।
वर्ष 2023, 2024 और 2025 में कक्षा 12 की परीक्षा देने वाले विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे
जेईई-मेन के आधार पर श्रेष्ठ 2.50 लाख विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इसमें 10 प्रतिशत जनरल-ईडब्ल्यूएस, 27 प्रतिशत ओबीसी-एनसीएल, 15 प्रतिशत एससी, 7.5 प्रतिशत एसटी और 40.5 प्रतिशत ओपन कैटेगिरी की सीट्स होंगी। वर्ष 2025 में हो रही जेईई-एडवांस्ड में वर्ष 2023, 2024 और 2025 में कक्षा 12 की परीक्षा देने वाले विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। वर्ष 2022 या इससे पहले 12वीं या इसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षा में शामिल होने योग्य नहीं होंगे। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने पूर्व में आइआइटी में जोसा काउंसलिंग के दौरान प्रवेश ले रखा है, वे विद्यार्थी जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे, जबकि जेईई-मेन क्वालीफाई कर एनआइटी में प्रवेश ले चुके विद्यार्थी जेईई-एडवांस्ड परीक्षा दे सकेंगे। जेईई-एडवांस्ड परीक्षा 26 मई या दो जून 2025 को संभावित है।
अक्टूबर 2000 के बाद जन्म लेने वाले छात्र ही दे सकेंगे परीक्षा
इस वर्ष जेईई-एडवांस्ड परीक्षा के लिए आयु सीमा भी तय की गई है। ऐसे विद्यार्थी जिनका जन्म एक अक्टूबर 2000 के बाद का है, वे ही परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। एससी-एसटी विद्यार्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष की रियायत दी गई है, यानी इस वर्ग के एक अक्टूबर 1995 के बाद जन्म लेने वाले विद्यार्थी परीक्षा के योग्य होंगे।