देसी के साथ विदेशी फलों की उद्यानिकी विभाग ने चार हेक्टेयर भूमि में बागवानी की है। विभाग की नर्सरी में थाइलैंड, जपानी व बंगालादेशी आम के पौधे लगाए गए हैं। सभी पौधों की अलग-अलग विशेषता है। विदेश आम की पैदावार की सफलता के बाद विभाग क्षेत्र के किसानों को भी पौध लगाने के लिए प्रेरित करेगा। नर्सरी में लगाए गए आम के पौधों की 21 प्रजातियां थाइलैंड में विकसित हुई हैं। विदेशी के साथ देशी फलों के 1100 पौधे रौपे गए हैं।
बेहटा गांव स्थित नर्सरी में उद्यानिकी विभाग ने यह नवाचार किया गया है। आम के साथ कटहल, नींबू, मौसंबी, जामुन, बेल और अमरूद की विभिन्न प्रजातियों के पौधे भी रौपे गए हैं। जापान का मियांजाकी, थाइलैंड का चांग माई, आलटाइम, बांग्लादेश का गौरमाटी आम की पैदावार की जा रही है। मियांजाकी आम की कीमत दो लाख रुपये किलो तक है। वहीं चांगमाई की खासियत यह है कि एक आम चार किलो का होता है।
विदेशी पेड़ों की हैं कई खासियत
उद्यानिकी विभाग सहायक संचालक बताते हैं कि मियाजाकी वेराइटी का आम जापान का है, जो पूरी दुनिया में मशहूर है. यह आम लाल और जामुनी रंग का होता है। यह आम दुनिया के सबसे महंगे आमों में शामिल है। बाजार में इस आम की कीमत प्रति किलोग्राम दो से ढाई लाख रुपये है। वहीं थाइलैंड का चांग माई आम एक चार किलो का होता है। थाइलैंड के नींबू का आकार ज्यादा बड़ा तो नहीं है, लेकिन रस नींबू से काफी अधिक है, जिसमें बीज नहीं होता है।
इन प्रजातियों के आम हैं यहां
- थ्री टेस्ट टाइम, कस्तूरी, काबू जाम, राजभोग, रत्ना, बारामासी, वस्तरा, कटीमन, बारी 11, बनाना, हरिवेग, हनी, एप्पल, अमेरिकन रेड फ्लेवर, रेड आइवी आम की प्रजातियां शामिल हैं।
- ये फल के पौध भी कटहल तीन कलर पिंक, आरेंज, पीला, थाइ अमरूद 7-5, रेड डायमंड, ग्वालियर 27, लखनऊ 49, बेर एप्पल, सुंदरी, चीकू, नींबू जयदेवी पैदावार तीन गुनी, मौसंबी, जामुन जामवंत, जे-37, जे-47, बेल बी-1, एमबी-5, एनबी-9 आदि
नर्सरी में फल की विभिन्न प्रजातियों के 1100 पौधे रौपे गए हैं। इनमें थाइलैंड में विकसित फल की 21 प्रजातियां हैं। इसके साथ ही जपानी, बंगालादेशी फल के पौधे भी लगाए गए हैं।
महेश प्रताप सिंह बुंदेला, सहायक संचालक, उद्यान, ग्वालियर