परसदा वेद ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 58 लाख रुपये की लागत से फिकल स्लज प्रबंधन यूनिट स्थापित की गई है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सेप्टिक टैंकों का सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करेगी। इस यूनिट के जरिए मस्तूरी के 171 ग्रामों में बने 7,155 शौचालयों का फिकल स्लज डिस्लज वाहनों से यहां पहुंचाया जाएगा। दूरी के आधार पर निर्धारित शुल्क ग्राम पंचायत के माध्यम से लिया जाएगा।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आएगी।
यूनिट के चलते जल स्रोतों की स्वच्छता बढ़ेगी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी आएगी।जिला पंचायत ने प्रथम चरण में मस्तूरी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले 171 ग्रामों में करीब 7,155 शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत हुआ था। इन शौचालयों के सेप्टिक टैंकों से निकलने वाले फिकल स्लज को नियमित रूप से निपटान करने के लिए पहले कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं थी, जिससे ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब फिकल स्लज प्रबंधन यूनिट की स्थापना से यह समस्या दूर होगी।
शहरी क्षेत्र को भी मिलेगी राहत
यूनिट की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहरी क्षेत्र के निवासियों को भी राहत मिलेगी। बिलासपुर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सेप्टिक टैंकों का फिकल स्लज भी इस यूनिट में निपटान के लिए लाया जा सकेगा। नगर निगम व जिला पंचायत ने इसके लिए ओएमयू भी साइन किया है।
अधिकारियों के अनुसार यूनिट से न केवल शौचालयों की सफाई सुनिश्चित होगी बल्कि जल स्रोतों के प्रदूषण को रोकने में भी सहायता मिलेगी। साथ ही स्लज के उचित निपटान से आसपास के इलाकों में स्वच्छता की स्थिति में सुधार होगा और गंदगी फैलने से होने वाली बीमारियों में कमी आएगी।
यूनिट से होगा यह लाभ
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाई गई यह फिकल स्लज प्रबंधन यूनिट ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वच्छता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे ग्रामीणों और शहरी निवासियों को शौचालयों के सेप्टिक टैंकों की सफाई में आने वाली समस्याओं का समाधान मिलेगा और शौचालयों का उचित रखरखाव सुनिश्चित होगा। यूनिट से फिकल स्लज का वैज्ञानिक तरीके से निपटान होगा, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
फिकल स्लज से होगा खाद का निर्माण
परसदा वेद में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनी फिकल स्लज प्रबंधन यूनिट से फिकल स्लज का वैज्ञानिक तरीके से निपटान होगा और इससे खाद का निर्माण किया जाएगा। स्व सहायता समूह के माध्यम से इस यूनिट का संचालन होगा व फिकल स्लज से निर्मित खाद को बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। खाद बिक्री से होने वाली इनकम से और भी यूनिट लागने की दिशा में आगे की योजना तैयार की जाएगी।