छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति के तहत स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए उद्यमियों को प्रति व्यक्ति 15,000 रुपये का मासिक प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा। साथ ही, महिला उद्यमियों, तृतीय लिंग, अग्निवीर सैनिकों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए स्टार्टअप में विशेष छूट और 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड रखा गया है। कोरबा, बिलासपुर और रायपुर में औद्योगिक कॉरिडोर की स्थापना के साथ निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत राज्य में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाओं की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अटल नगर स्थित मेफेयर लेक रिसॉर्ट में इस नीति का विमोचन किया। इसके अंतर्गत स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए उद्यमियों को प्रति व्यक्ति 15,000 रुपये का प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा, जिससे उन्हें अपनी कंपनियों में युवाओं को प्रशिक्षित करने का अवसर मिलेगा।
स्टार्टअप्स को मिलेगा बूस्ट, 50 करोड़ का कॉर्पस फंड
राज्य में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड स्थापित किया गया है। यह फंड विशेष रूप से महिला उद्यमियों, तृतीय लिंग समुदाय, अग्निवीर सैनिकों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए अधिकतम छूट प्रदान करेगा, जिससे वे अपने व्यवसाय को आसानी से स्थापित और विस्तारित कर सकें।
एमएसएमई और बड़े उद्योगों के लिए अलग पैकेज
नई नीति में एमएसएमई और बड़े उद्योगों के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई है। 28 अक्टूबर को हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई थी। इस नीति के तहत 100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले विशेष क्षेत्र के उद्योगों को “बी-स्पोक पैकेज” दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य राज्य में एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजित करना है।
स्थानीय निवासियों और विशेष वर्गों को अधिक प्रोत्साहन
राज्य की नई औद्योगिक नीति के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमी, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक और भूतपूर्व सैनिकों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। पहली बार सेवा क्षेत्र के तहत एमएसएमई और अन्य सेवा उद्यमों को भी अलग-अलग प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, मंडी शुल्क में छूट, दिव्यांग रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान और परिवहन अनुदान की भी व्यवस्था की गई है।
औद्योगिक कॉरिडोर से बदलेगा राज्य का औद्योगिक परिदृश्य
नई औद्योगिक नीति में कोरबा, बिलासपुर और रायपुर को देश के औद्योगिक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए औद्योगिक कॉरिडोर की स्थापना की योजना बनाई गई है। इन कॉरिडोर में फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, आईटी, डेटा सेंटर और सौर ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की इस नई नीति का उद्देश्य राज्य को औद्योगिक हब बनाना और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास में एक नई रफ्तार आ सकेगी।