एक बीयर कंपनी ने अपनी बोतलों की रिफिलिंग को लेकर शिकायत की थी कि अन्य कंपनियां उनकी खाली बोतलों में अपना उत्पाद भरकर अपने ब्रांड के लेबल लगा रही हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बीयर की पुरानी बोतलों में रिफिलिंग पर रोक को बरकरार रखा है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आबकारी आयुक्त के आदेश को उचित ठहराते हुए बीयर की पुरानी बोतलों में रिफिलिंग पर रोक को बरकरार रखा है। प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा की अध्यक्षता वाली युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
जिसने एकलपीठ के उस आदेश को अनुचित पाकर निरस्त कर दिया, जिसमें पुनर्विचार की व्यवस्था दी गई थी। अपीलकर्ता बीयर कंपनी की ओर से दलील दी गई कि उसकी कंपनी द्वारा बनाई जा रही बीयर की कांच की खाली और पुरानी बोतलों को दूसरी कंपनियों द्वारा रिफिल किया जा रहा है। यही नहीं, उस पर अपने ब्रांड के लेबल भी चस्पा कर दिए जाते हैं।
आबकारी आयुक्त ने पुरानी बोतलों में रिफिलिंग पर लगाई थी रोक
इस रवैये की तथ्यात्मक शिकायत के बाद आबाकारी आयुक्त ने पुरानी बोतलों की रिफिलिंग पर रोक लगा दी थी। इसके विरुद्ध एकलपीठ में याचिका दायर हुई थी। इसका निराकरण इस निर्देश के साथ कर दिया गया था कि आबकारी आयुक्त अपने आदेश पर पुनिर्विचार करें। कंपनी ने इसी आदेश को अपील के जरिए युगलपीठ में चुनौती दे दी।