Surekha Sikri: 1977 में पहली फिल्म, लेकिन शोहरत मिली 2008 में दादी-सा के रोल से… मिलिए नसीरुद्दीन शाह की साली सुरेखा सीकरी से

Surekha Sikri: 1977 में पहली फिल्म, लेकिन शोहरत मिली 2008 में दादी-सा के रोल से… मिलिए नसीरुद्दीन शाह की साली सुरेखा सीकरी से


सुरेखा सीकरी ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में 10 से ज्यादा साल तक कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया। उन्हें तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका अभिनय किस दर्जे का था। 2008 में बालिका वधु की दादी-सा के रूप में उन्हें घर-घर में पहचान मिली।

हर किसी की किस्मत एक समान नहीं होती है। किसी को बचपन में ही दौलत और शोहरत मिल जाती है, तो किसी को जवानी में इसके लिए मेहनत करना होती है।

यहां हम बॉलीवुड की ऐसी एक्ट्रेस के बारे में बताएंगे, जिन्हें जवानी बीत जाने के बाद दादी मां का रोल में शोहरत मिली। ये हैं सुरेखा सीकरी। बहुत कम लोगों को पता है कि सुरेखा, नसीरुद्दीन शाह की साली भी थीं।

Who was Surekha Sikri: All you need to know

तबस्सुम टॉकीज यूट्यूब चैनल के अनुसार, सुरेखा सीकरी का जन्म 19 अप्रैल 1945 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता वायु सेना में थे और माता एक टीचर थीं। उनकी एक बहन भी थीं, जिनका नाम था मनारा।

नसीरुद्दीन शाह की पहली शादी मनारा से हुई थी। इस तरह सुरेखा, नसीरुद्दीन शाह की साली थीं। सुरेखा ने शुरुआती पढ़ाई नैनीताल में हुई। फिर उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।

सुरेखा को बचपन से एक्टिंग का शौक था। कॉलेज पूरा करने के बाद 1968 में वे दिल्ली आ गईं और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में एडमिशन ले लिया। यहां कई ड्रामा किए।

naidunia_image

1997 में मिली पहली फिल्म, जो हुई देश में बैन

1997 में सुरेखा सीकरी को पहली फिल्म मिली जो एक बोल्ड पॉलिटिकल फिल्म थी। नाम था – ‘किस्सा कुर्सी का’। राजनीति पर आधारित होने के कारण फिल्म को भारत में बैन भी कर दिया गया।

फिल्म पर बैन लगने के बाद सुरेखा ने NSD में ड्रामा जारी रखा। 1988 में यहां उन पर फिल्म डायरेक्टर गोविंद निहलानी की नजर पड़ी। सुरेखा के अभिनय से प्रभावित होकर निहालनी ने उन्हें टेली फिल्म ‘तमस’ ऑफर की। यह फिल्म 1988 में ही रिलीज हुई और जिसके लिए सुरेखा को नेशनल अवॉर्ड मिला।

naidunia_image

अलग-अलग तरह की फिल्में, अलग-अलग तरह के रोल

इसके बाद आने वाले सालों में सुरेखा ने अलग-अलग तरह की फिल्मों में अलग-अलहग तरह के रोल किए। 1994 में ‘मम्मो’ के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता। ‘सरदारी बेगम’, ‘नसीम’, ‘सरफरोश’ ‘दिल्लगी’ ‘जुबैदा’ और 2018 में रिलीज हुई ‘बधाई हो’ में काम किया।

सुरेखा को सही मायनों में 2008 में पहचान मिली, जब उन्होंने टीवी सीरियल ‘बालिका वधु’ में दादी सा का रोल किया।

3 बार नेशनल अवॉर्ड

  1. 1988 में ‘तमस’ के लिए
  2. 1994 में ‘मम्मो’ के लिए
  3. 2018 में ‘बधाई हो’ के लिए

सुरेखा सीकरी की निजी जिंदगी और दुनिया से अलविदा

naidunia_image

सुरेखा सीकरी ने 1994 में हेमंत रिगे से शादी की थी, लेकिन 20 अक्टूबर 2009 को पति का निधन हो गया था। उनका एक बेटा राहुल है जो आर्टिस्ट है।

2018 में सुरेखा जब महाबलेश्वर में शूटिंग कर रही थीं, तब बाथरूम में फिसलने से ब्रेन स्ट्रोक आ गया। 2020 में दूसरी बार ब्रेन स्ट्रोक आया और आखिरी में 16 जुलाई 2021 में हार्ट अटैक आने के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।