भारतीय एथलीट्स पेरिस ओलंपिक 2024 में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं। 10 दिन गुजरने के बावजूद भारत के खाते में सिर्फ तीन ब्रॉन्ज मेडल हैं, जो निशानेबाजी में आएं हैं। भारत को 22 वर्षीय बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन से सोमवार को मेडल की उम्मीद थी लेकिन वह चूक गए। उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मैच में मलेशिया के मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ 1-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा। लक्ष्य ने चौथे स्थान पर रहकर अपना अभियान खत्म किया। भारत के पूर्व दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण पेरिस में देश के एथलीट्स के फ्लॉप शो पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी खिलाड़ियों को भी इतनी सुविधाएं मिलतीं, जितनी भारत में दी जा रही हैं।
पादुकोण ने मीडिया से बातचीत में कहा, ”अब समय आ गया है कि खिलाड़ी जिम्मेदारी लें। मौजूदा ओलंपिक और पिछला ओलंपिक देखें तो आप सरकार और फेडरेशन को जिम्मेदारी नहीं ठहरा सकते। वो जो कर सकते थे, उन्होंने किया। वे सुविधाएं ही उपलब्ध करा सकते हैं। लेकिन अंत में खिलाड़ियों को ही प्रदर्शन करके दिखाना होगा। वे सेम खिलाड़ियों को दूसरे टूर्नामेंट में हरा देते हैं मगर ओलंपिक में ऐसा नहीं कर पाते। खिलाड़ियों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। खिलाड़ियों को सोचना होगा कि क्या वे पर्याप्त मेहनत कर रहे हैं। आपको उस दिशा में काम करने की जरूरत है।”
उन्होंने आगे कहा, ”हर खिलाड़ी के पास अपना फीजियो, कंडीशनिंग ट्रेनर, न्यूट्रिशनिस्ट है। और कितना किया जा सकता है? मुझे नहीं लगता कि अमेरिका समेत अन्य देशों में भी इतनी सुविधाएं मिलती हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि खिलाड़ियों को एहसास होगा कि जिम्मेदारी उठानी होगी। उन्हें डिलिवर करना होगा वरना फेडरेशन को देखना होगा। हालांकि, यह आसान नहीं होगा क्योंकि कई स्टार खिलाड़ी हैं। अगर उन्हें कुछ चीजें नहीं मिलती हैं तो मुद्दा बन जाता है। मैं खिलाड़ियों के चौथे स्थान पर फिनिश करने से खुश नहीं हूं। वह (लक्ष्य) मेडल जीत सकता था लेकिन इतना करीब आकर चूक गया।”
बता दें कि लक्ष्य के अलावा कई भारतीय एथलीट ने पेरिल ओलंपिक में चौथे स्थान पर फिनिश किया। इस लिस्ट में तीरंदाज अंकिता भकत और धीरज बोम्मदेवरा, निशानेबाज अनंतजीत सिंह और माहेश्वरी चौहान, अर्जुन बाबूता का नाम शामिल है। स्टार निशानेबाज मनु भाकर अपने आखिरी इवेंट में चौथे स्थान पर रही थीं। हालांकि, मनु ने दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा। वह आजादी के बाद एक ओलंपिक में दो मेडल जीतन वाली पहली भारतीय एथलीट हैं।