बांग्लादेश की कल तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना आज शरण की मोहताज हैं। वह 5 अगस्त को पीएम पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई थीं और फिलहाल यहीं हैं। कहा जा रहा है कि वह ब्रिटेन में शरण लेना चाहती हैं, जहां उनकी बहन और बेटे रहते हैं। लेकिन इस बीच ब्रिटेन से शरण की उम्मीद लगाए शेख हसीना को झटका लगा है। ब्रिटेन ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि हमारे इमिग्रेशन रूल्स किसी व्यक्ति को शरण के लिए आने या फिर अस्थायी तौर पर रहने की परमिशन नहीं देते। ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस तरह की शरण तो किसी को भी उस देश में ही मांगनी चाहिए, जहां वह सबसे पहले सुरक्षित पहुंचा हो।
इस तरह ब्रिटेन ने एक तरह से शेख हसीना को भारत में ही शरण मांगने का सुझाव दिया है। सर कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाले ब्रिटेन से विकल्प खारिज होने की सूरत में शेख हसीना को अब किसी नए विकल्प पर विचार करना होगा। अब तक भारत सरकार की ओर से शेख हसीना के ठहरने पर कुछ कहा नहीं गया है। लेकिन बांग्लादेशी मीडिया का कहना है कि शेख हसीना अंतरिम ठहराव के लिए ही भारत पहुंची थीं और वह यहां से किसी और देश जा सकती हैं। लेकिन अब तक वह हिंडन एयरबेस में ही ठहरी थीं। कुछ वक्त पहले उन्हें दिल्ली में ही किसी सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया गया है।
ब्रिटिश गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियम कहते हैं कि यदि किसी को संरक्षण चाहिए तो जिस भी देश में वह सबसे पहले पहुंचे, वहीं उसे शरण मांगनी चाहिए। अब तक यह भी साफ नहीं है कि शेख हसीना ने ब्रिटेन से शरण मांगी है अथवा नहीं। 76 साल की शेख हसीना को हिंसक प्रदर्शनों के चलते सोमवार को देश छोड़ना पड़ा था और उससे ठीक पहले इस्तीफा दिया था। नौकरियों में कोटे के विरोध में वहां ऐसा आंदोलन हुआ कि 300 से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं। यही नहीं शेख हसीना के निकलने के बाद भी देश में हिंसा का दौर जारी है और करीब 100 लोग फिर मारे जा चुके हैं। कहा जा रहा है कि हसीना को निकलने के लिए सेना से 45 मिनट मिले थे।
शेख हसीना अब जाएं तो जाएं कहां
यदि शेख हसीना को ब्रिटेन में शरण नहीं मिलती है तो उन्हें किसी और देश का रुख करना होगा। इसके अलावा तब तक भारत में ही रहना होगा। सूत्रों का कहना है कि भारतीय एजेंसियां भी चाहती हैं कि शेख हसीना यहां ज्यादा दिन न रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके यहां ठहरने से बांग्लादेश में भारत के खिलाफ माहौल बन सकता है। भारत के लिए बांग्लादेश से अच्छे संबंध रखना जरूरी है क्योंकि पाकिस्तानी एजेंसियां वहां हावी हो सकती हैं। ऐसे में हसीना की कीमत पर भारत सरकार ढाका से संबंध नहीं बिगाड़ना चाहेगी।