अंबिकापुर के गंगापुर स्थित रजवार भवन में अनाधिकृत रूप से कार्यक्रम आयोजन के आरोप पर पुलिस ने राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा व भारत मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों के विरुद्ध अपराध पंजीकृत किया है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी व भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव विलास खरात, राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा व इंडियन लीगल प्रोफेशनल एसोसिएशन नईदिल्ली के राष्ट्रीय प्रभारी सुनील डोंगरदिवे ,राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के प्रदेश प्रभारी अरविंद कच्छप, भारत मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्य ब्लासियूस तिग्गा, रंजीत बड़ा को पुलिस ने नामजद किया है।
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में शामिल अन्य लोगों के विरुद्घ भी प्राथमिकी हुई है।रजवार समाज सरगुजा के अध्यक्ष बालेश्वर राजवाड़े की शिकायत पर पुलिस ने इन सभी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 329(3),333,299,115(2),351(2),319(2),191(2),190 के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम की धारा 49 के तहत प्राथमिकी हुई है। इन सभी पर बिना अनुमति कार्यक्रम आयोजन, अनाधिकृत रूप से दूसरे के स्थान पर भीड़ जुटाने,धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ ही पुलिस की वर्दी का अनाधिकृत उपयोग करने का आरोप है। रजवार समाज के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। धमकाया गया कि जल,जंगल,जमीन पर उनका अधिकार है। रजवार समाज की जमीन की रजिस्ट्री निरस्त कराने तथा केस में फंसाने की भी धमकी दी गई।
यह था मामला
राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा द्वारा बुधवार को गंगापुर के रजवार भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। रजवार समाज के पदाधिकारियों ने झूठी जानकारी देकर उनके सामाजिक भवन परिसर में भीड़ जुटाने का आरोप लगा कार्यक्रम का विरोध किया था। कार्यक्रम को लेकर दोनों समाज के लोग आमने-सामने आ गए थे। कार्यक्रम आयोजन की लिखित अनुमति प्रस्तुत नहीं करने के कारण राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के कार्यक्रम को बीच में ही बंद कर दिया गया था।
यातायात पुलिस की वर्दी में भी थे कार्यकर्ता
राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के कार्यक्रम में पुलिस की वर्दी के अनाधिकृत उपयोग का भी आरोप है। रजवार समाज द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में इस बात का उल्लेख है कि राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के कार्यक्रम में कई कार्यकर्ता यातायात पुलिस के जवानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वर्दी पहने हुए थे। इन्हीं वर्दीधारी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके साथ धक्कामुक्की कर धमकी दी गई।
इंटरनेट मीडिया में वीडियो प्रसारित
राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के कार्यक्रम को बीच में ही बंद कर दिया गया था। इस अधूरे कार्यक्रम का वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है। प्रसारित वीडियो को लेकर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। इस वीडियो में धर्म विशेष को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। एक समाज विशेष पर की गई टिप्पणियों को लेकर समाज के लोग आक्रोशित हैं। आयोजकों पर कार्रवाई की मांग शुरू हो गई है।
हिंदू संगठनों ने भी की शिकायत
हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने इस आयोजन को देश की एकता, संप्रभुता पर प्रहार और सामाजिक सौहार्द के विपरीत करार दिया है। इस पूरे मामले में संबंधितों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 व अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीकृत करने की मांग की गई है।तत्संबंध में गांधीनगर थाने में लिखित आवेदन सौंपा गया है। शिकायत करने वालों में अभिषेक शर्मा, रविंद्र तिवारी, कैलाश मिश्रा, सिद्धार्थ मिश्रा, उन्मेष तिवारी, विपिन कुमार पांडेय, कमलेश तिवारी, शैलेंद्र शर्मा, शैलेंद्र चौबे, केडी दुबे, निरंजन तिवारी, कैलाश मिश्रा, शैशव गिरी, विजय कुमार शामिल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज हो अपराध
भाजपा पार्षद व सरगुजा सर्व ब्राम्हण समाज के संयोजक आलोक दुबे ने मांग की है कि राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा पर छत्तीसगढ़ में पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाए। बुधवार को अंबिकापुर के गंगापुर में इस संगठन से जुड़े वक्ताओं ने समाज में विद्वेष पैदा करने का काम किया है। विशेषकर ब्राम्हण समाज,आरएसएस के बारे में जो बातें कही गई है उससे समाज और जनमानस में रोष है। तत्काल जहर उगलने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अपराध पंजीकृत होना चाहिए।