अस्पताल की छत पर इससे जुड़ा एक सायरन भी लगेगा, जैसे ही कोई इस पैनिक बटन को दबाएगा तो छत पर लगा सायरन भी बज उठेगा। इससे अस्पताल के सुरक्षा कर्मचारी भी सतर्क हो जाएंगे। वहीं नजदीकी पुलिस थाने में भी अलार्म बज उठेगा। पुलिस को पैनिक बटन की लोकेशन से घटना स्थल पर पहुंचने में भी आसानी होगी।
मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में किसी महिला से बदसलूकी या छेड़छाड़ की घटना पर तत्काल मदद पहुंचाने की कवायद शुरू हुई है। इसके लिए सरकारी अस्पतालों में पैनिक बटन लगाए जाएंगे। यह पैनिक बटन निकटतम पुलिस थाने से कनेक्ट होंगे। आपात स्थिति में बटन दबाने पर पुलिस का अमला थोड़ी ही देर में अस्पताल पहुंच जाएगा। इन पैनिक बटन को पिंक अलार्म नाम दिया गया है।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में इंटर्न डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद प्रदेश के अस्पतालों में भी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी थी। इसके लिए सभी अस्पतालों में सुरक्षा की समीक्षा की गई थी।
अस्पताल में कई जगह लगाया जाएगा अलार्म
कुछ संवेदनशील स्थानों पर कुछ दिनों के लिए सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई, लेकिन इसे एक सिस्टम का रूप नहीं दिया जा सका, लेकिन अब पैनिक बटन के तौर पर एक अलार्म सिस्टम लगाने की कवायद शुरू हुई है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, इस पिंक अलार्म को अस्पताल में ओपीडी, ड्यूटी रूम, पार्किंग, कॉरिडोर जैसी कई जगहों पर लगाया जाएगा।
जेपी अस्पताल में जगह चिह्नित, 12 से 13 स्थानों पर लगेंगे पिंक अलार्म
भोपाल के जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि यहां पैनिक बटन लगने से महिलाओं के साथ अन्य मरीजों की सुरक्षा भी हो सकेगी। अस्पताल में कई प्रकार के व्यक्ति आते हैं, इससे एक डर तो बना रहता है। जगह पहले से चिह्नित कर ली है। यहां करीब 12 से 13 स्थानों पर पिंक अलार्म यानी पैनिक बटन लगाए जाएंगे।
एम्स भोपाल पहले ही लगा चुका है
एम्स भोपाल में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर हड़ताल हुई थी। उसके बाद परिसर में कई स्थानों पर पैनिक बटन लगा दिए गए। एम्स में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन और सेंट्रलाइज्ड सिस्टम है।
पैनिक बटन दबाते ही अस्पताल का सिक्योरिटी सिस्टम अलर्ट होता है, जिससे सुरक्षाकर्मी तुरंत ही उस जगह पहुंच जाते हैं। अब ड्यूटी रूम में डेढ़ सौ पैनिक बटन लगाने की तैयारी है। इसके अलावा यह पैनिक बटन शौचालय में भी लगेंगे।